Tuesday, October 28, 2008

अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए

अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए
जिसमे इंसान को इंसान बनाया जाए

आग बहती है यहाँ गंगा में झेलम में भी
कोई बतलाये कहाँ जा के नहाया जाए

मेरा मकसद है महफ़िल रहे रोशन यूँ ही
खून चाहे मेरा दीपो में जलाया जाए

मेरे दुःख दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा
में कहूँ खा और तुझसे भी न खाया जाए

जिस्म दो हो के भी दिल हो एक अपने ऐसे
मेरा आंसू तेरी आँखों से उठाया जाए

गीत गुमसुम है ग़ज़ल चुप है रुबाई है दुखी
ऐसे माहोल में नीरज को बुलाया जाया

चमन को देख धूल पात न देख

चमन को देख धूल पात न देख
खिलाडी पहचान सिर्फ़ बिसात न देख
मेरी डोली की गरीबी को हसने वाले
मेरी दुल्हन को देख लौटती बरात न देख

Monday, October 13, 2008

haadase kyaa kyaa tumhaarii beruKhii se ho gaye

haadase kyaa kyaa tumhaarii beruKhii se ho gaye
saarii duniyaa ke liye ham ajanabii se ho gaye

[haadasaa=incident]

gardish-e-dauraa.N, zamaane kii nazar, aa.Nkho.n kii niind
kitane dushman ek rasm-e-dostii se ho gaye

[gardish-e-dauraa.N=passage of time]

kuchh tumhaarii gesuuo.n kii barahamii ne kar diyaa
kuchh a.Ndhere mere ghar me.n raushanii se ho gaye

[gesuu=hair; barahamii=scattering]

yuu.N to ham aagaah the saiyaad kii tadbiir se
ham asiir-e-daam-e-gul apanii Khudii se ho gaye

[aagaah=alert; saiyaad=hunter; tadbiir=plans]
[asiir=prisoner; Khudii=own ego]

har qadam "Sagar" nazar aane lagii hai.n ma.nzile.n
marhale tay merii kuchh aavaaragii se ho gaye

[marhale=destinations; aavaaragii=wanderlust]

Wednesday, October 1, 2008

सदमा तो है मुझे भी की तुझसे जुदा हूँ मैं

सदमा तो है मुझे भी की तुझसे जुदा हूँ मैं
लेकिन ये सोचता हूँ की अब तेरा क्या हूँ मैं

बिखरा पडा है मेरे ही घर में तेरा वजूद
बेकार महफिलों में तुझे ढूण्ढता हूँ मैं

मैं खुदकशी के जुर्म का करता हूँ ऐतराफ़ (I agree with the crime of suicide)
अपने बदन की कब्र में कबसे गडा हूँ मैं

किस -किसका नाम लूँ ज़बान पर की तेरे साथ
हर रोज़ एक शख्स नया देखता हूँ मैं

ना जाने किस अदा से लिया तूने मेरा नाम
दुनिया समझ रही है के सब कुछ तेरा हूँ मैं

ले मेरे तजुर्बों से सबक ऐ मेरे रकीब
दो चार साल उम्र में तुझसे बड़ा हूँ मैं

जागा हुआ ज़मीर वो आईना है "क़तील"
सोने से पहले रोज़ जिसे देखता हूँ मैं