दूसरों को हमारी सज़ायें न दे
चांदनी रात को बद-दुआएं न दे
फूल से आशिकी का हुनर सीख ले
तितलियाँ ख़ुद रुकेंगी सदायें न दे
सब गुनाहों का इक़रार कराने लगें
इस कदर खूबसूरत सज़ायें न दे
मोतियों को छुपा सीपियों की तरह
बेवफाओं को अपनी वफायें न दे
मैं बिखर जाऊँगा आंसूओं की तरह
इस कदर प्यार से बददुआएं न दे
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