चुन्नू चूहा और चुन्नी चुहिया
जब चले साथ और साथ
इसकी बातें उसकी बातें
हर उत्तर था उनके पास
सोचते के सब है जानते
इसे उसे सबको समझाते
बिन कारन बिन सोचे जाने
बात की बात बनाते
रास्ता था लंबा
नही चला देर तक खेल
हुई ज़रा सी जो बारिश
टूट गया दोनों का मेल
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