गाते हुए यूँ दिलों को छु जाना
जान ले लेगा तेरा गुनगुनाना
लफ्जों के प्यालों से मदिरा छलकाना
सीखा कहाँ से तूने दीवाने बनाना
बेजान ग़ज़ल को ज़िन्दगी देने वाले
बातों मे अमृत तेरी हमने माना
आप संग हो तोह क्या गम है फिर हमें
चाहिए आप ही आप ही आप ही जाने-जाना
No comments:
Post a Comment