Friday, September 26, 2008

गाते हुए यूँ दिलों को छु जाना

गाते हुए यूँ दिलों को छु जाना
जान ले लेगा तेरा गुनगुनाना

लफ्जों के प्यालों से मदिरा छलकाना
सीखा कहाँ से तूने दीवाने बनाना

बेजान ग़ज़ल को ज़िन्दगी देने वाले
बातों मे अमृत तेरी हमने माना

आप संग हो तोह क्या गम है फिर हमें
चाहिए आप ही आप ही आप ही जाने-जाना

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