दिल दुखा कर आजमा कर या रुला कर छोडना
हमने सीखा ही नहीं अपना बना कर छोडना
ताके दुनिया यह न समझे हम में दूरी हो गयी
साथ जब भी छोडना तो मुस्कुरा कर छोडना
है तरीके और भी मुझसे बिछड़ने के लिए
क्या ज़रूरी है कोई तोहमत लगा कर छोडना
होश बाकी रह गए तो जी नहीं पाऊँगा मै
कुछ न याद आये मुझे इतनी पिला कर छोडना
तेल के बदले हमें चाहे लहू देना पड़े
अपनी फितरत है चिरागों को जला कर छोडना
and another sher which was phenomenal
कुफ्र है अहसास-ऐ-मायूसी थकन है बुजदिली
आंसू की डौर को मंजिल पे जा कर छोडना
and another sher which was phenomenal
तुम्हारा घर हमेशा रौशनी से जगमागाऊंगा
दिए खामोश हो जायेंगे तो मै दिल जलाऊंगा
तुम्हे जिस दिन यकीन हो जाए मुझमे खूबियाँ भी है
मुझे आवाज़ दे देना मै वापस लौट आऊँगा
3 comments:
beautiful Sir, i like your shayri mohammad shakeb alam
Thakurdwara (Moradabad)
Nice line...👍
Nice sir bahut acche
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