Thursday, September 13, 2007

Chunnu chuha

चुन्नू चूहा और चुन्नी चुहिया
जब चले साथ और साथ
इसकी बातें उसकी बातें
हर उत्तर था उनके पास

सोचते के सब है जानते
इसे उसे सबको समझाते
बिन कारन बिन सोचे जाने
बात की बात बनाते

रास्ता था लंबा
नही चला देर तक खेल
हुई ज़रा सी जो बारिश
टूट गया दोनों का मेल

No comments: